गुणवत्ता
जब आपको भाषा के बारे में पता नहीं होता है तब गुणवत्ता को सुनिश्चित करना एक चुनौती बन जाती है। इसका एक बेहतर तरीका है - अनुवाद सेवा प्रदाताओं द्वारा अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया, उनका गुणवत्ता प्रमाणीकरण और क्लाइंट की ख्याति की जांच करने के बाद एक अनुवाद सेवा प्रदाता को नियुक्त करना
कार्य प्रक्रिया जो गुणवत्ता को सुनिश्चित करती है
- एक उपयुक्त अनुवादक का चयन: किसी सस्ते अनुवादक का चयन करने के बजाय, एक ऐसे अनुवादक का चयन करना बेहतर होता है जो उस काम के लिए एकदम सही हो। चुने गए अनुवादक के पास लक्षित भाषा पर पूरा कमांड होना चाहिए और स्रोत भाषा में उत्कृष्ट प्रवीणता होनी चाहिए। इसके अलावा, उसके पास प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड भी होना चाहिए। इसीलिए प्रोफेशनल अनुवाद सेवा प्रदाता हमेशा स्वदेशी अनुवादकों पर भरोसा करते हैं जो सिर्फ प्रमाणित ही नहीं होते हैं बल्कि उनके पास एक प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड भी होता है। असल में, कई एजेंसियों में संसाधन प्रबंधक होते हैं जिनका काम अपने अनुवादकों के डेटाबेस को अपडेट करते रहना है। वे उन्हें चयन के लिए आमंत्रित करते हैं और उनके साथ बात करके अनुबंध दर निर्धारित करते हैं।
- परियोजना समन्वय:अनुवाद की गुणवत्ता में कुछ हद तक काफी वृद्धि हुई है, सिर्फ इसलिए क्योंकि परियोजना समन्वयक, शब्दावली, क्लाइंट मैन्डेटरी, और रेफरेंस के साथ अनुवादक का मार्गदर्शन करने में सक्षम है। परियोजना प्रबंधन टीम का विवरण प्राप्त करना और निर्धारित समय सीमा के भीतर उच्च गुणवत्ता वाला अनुवाद प्रदान करने की उनकी क्षमता को संतुष्ट करना जरूरी है।
- कैट (कंप्यूटर ऐडेड ट्रांसलेशन) टूल्स का उपयोग: प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने से त्रुटियों को कम करने, इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों की सुसंगति को बनाए रखने, और डिलीवरी की रफ़्तार को बढ़ाने में मदद मिलती है। सबसे ज्यादा आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला कैट टूल है ट्रेडोस। अनुवाद प्रौद्योगिकी के उपयोग की जांच और संतुष्ट करना बेहतर होता है। शब्दावली और मैन्डेटरी के साथ-साथ अनुवादित सामग्री को ट्रांसलेशन मेमोरी बैंक में रखा जा सकता है जिसका इस्तेमाल बार-बार किए जाने वाले कामों के लिए किया जा सकता है और इस तरह यह अनुवाद के खर्च को कम कर सकता है।
- एक संपादक द्वारा आतंरिक समीक्षा: यह जांचना बेहतर होता है कि अनुवाद सेवा प्रदाता के पास एक इन-हाउस संपादक है या नहीं और यदि है तो किस भाषा का। यह बहुत फायदेमंद साबित होता है यदि संपादक, अनुवाद में अनुभव रखने वाला एक भाषाविद हो। एक संपादक, भाषा सम्बन्धी गलतियों और लोकलाइजेशन सम्बन्धी समस्याओं को उजागर करके आपके काम को और बेहतर बनाता है।
- प्रूफ-रीडिंग: अनुवादित सामग्री को भेजने से पहले अनुवादक द्वारा हमेशा प्रूफरीडिंग की जाती है। चूंकि यह सिर्फ एक स्वयं-जांच है, इसलिए गलतियाँ अनदेखी रह सकती हैं। उत्पाद, लक्ष्य विनिर्देश और बाजार की संस्कृति के आधार पर, बाहरी प्रूफरीडरों को काम पर लगाया जाता है।
- फॉर्मेटिंग: लेआउट सम्बन्धी समस्या होने पर और स्रोत फ़ाइल, डीटीपी सॉफ्टवेयर में होने पर, परियोजना प्रबंधक हमेशा ऐसी फ़ाइल के लिए फॉर्मेटिंग का खर्च जोड़ेगा। जब अनुवादक, अनुवादित टेक्स्ट को भेजता है तो उसे आवश्यक डीटीपी सॉफ्टवेयर में इम्पोर्ट करके फॉर्मेट किया जाता है।
- अंतिम समीक्षा: क्लाइंट को अनुवादित फ़ाइल भेजने से पहले, एक अंतिम समीक्षा की जाती है और अनुवादक से मंजूरी ली जाती है। संशोधित करते समय क्लाइंट की तरफ से मिलने वाले किसी सुझाव को ध्यान में रखा जाता है।
गुणवत्ता प्रमाणीकरण
अनुवाद सेवा प्रदाता के पास मौजूद गुणवत्ता प्रमाणीकरण की जांच करना बेहतर होता है। इससे सुनिश्चित होगा कि प्रोफेशनल गुणवत्ता प्रबंधन व्यवस्था का पालन किया जाता है और आतंरिक गुणवत्ता नियंत्रण की सुव्यवस्था है। भाषा भारती आर्ट्स है :
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